


प्राकृतिक आपदा / हादसा
परिवर्तन प्रकृति की एक नियामावली प्रक्रिया है, ऐसा परिवर्तन जिनका प्रभाव मानव हित में होता है उन्हें प्रकृति का वरदान कहा जाता है. लेकिन परिवर्तनों का प्रभाव मानव समाज का अहित करता है तो इन्हें प्राकृतिक आपदा कहा जाता है, प्राकृतिक आपदा प्रकृति में कुछ ही समय घट जाने वाली घटना या परिवर्तन है. ऐसी घटनाओं के घट जाने के बाद मानव समाज को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वे समस्याएं संकट मानी जाती है, आपदा प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों का परिणाम है जो जान और माल की गंभीर क्षति करके अचानक सामान्य जीवन को उस सीमा तक अस्तव्यस्त करता है | जिसका सामना करने के लिए उपलब्ध सामाजिक तथा आर्थिक संरक्षण कार्यविधियां अपर्याप्त होती हैं अर्थात आशंकित विपत्ति का वास्तव में घटित होना आपदा है I जिस आपदा में सरकार तथा संस्था के इकाई विभाग एक राहत कोष प्रदान करती है जो आपदा प्रबंधन कहलाती है | इसी तथ्यों का आधारशीला ये चैरिटेबल ट्रस्ट है जिसके माध्यम से प्राकृतिक आपदा और अपातकालीन स्थिति में लोगों को सहयोग किया जाता है |